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Friday, April 16, 2010

ऐडसेंस तूने बड़ा दुःख दीना !

हाय रे ऐडसेंस ! बड़ा दुःख दीना.

मुझे याद है जब सालों पहले ऐडसेंस हिंदी में भी था.

तब मेरे तीन चिट्ठे थे और हर चिट्ठे से मैं प्रतिमाह लगभग पैंतीस डॉलर कमा लेता था.

बड़ा ही सुखी जीवन लगने लगा था, मैं भविष्य के सुनहरे सपने बुनने लगा था पर अचानक जैसे वज्रपात हुआ , गूगल ने हिंदी के साथ-साथ कई भाषाओँ में विज्ञापनों को दिखाया जाना बंद कर दिया और अपनी नई नीति की एक कॉपी मुझे गूगल ने मेल के द्वारा भेजी कि हमारी नयी नीति के अनुसार आप यदि हमारी समर्थित भाषा के अतिरिक्त किसी और भाषा के ब्लॉग पर विज्ञापन लगाते हैं तो आप का अकाउंट बैन कर दिया जाएगा.

हम कर भी क्या सकते थे. हमने विज्ञापन हटा लिए. जिन्होंने न हटाये उनमें से कुछ के अकाउंट बैन भी हुए.

फिर गूगल ने अपनी ऐडसेंस की जावा-स्क्रिप्ट में ही कुछ ऐसा कर दिया कि वह आलेख के हिंदी के शब्द पहचानते ही ( Google के द्वारा सार्वजनिक सेवा विज्ञापन ) दिखाना प्रारंभ कर देता था.
हम खीझ कर रह जाते थे, पर कर भी क्या सकते थे.....

फिर हमारे दोस्तों ने एक युक्ति लगाई और हिंदी के चिट्ठे पर भी विज्ञापन दिखने लगा. कल इसी विषय पर...

Comments :

4 comments to “ऐडसेंस तूने बड़ा दुःख दीना !”

हमने तो देखा ही नहीं है यह दिन ! शुरु से अभाव में ही पल रहे हैं ! जाने कब होती है आमदनी !

Himanshu Pandey said...
on 

क्या हिन्दी ब्लाग पर भी आमदनी होती है? डालर की शकल तो अमेरिका आ कर देखी मगर अपनी आमदनी भी डालर मे हो ये सपना सा लगता है। वैसे जो मजा रुपये मे है वो डालर मे नही। शुभकामनायें

निर्मला कपिला said...
on 

Thanks for invitation.Nice meeting.

Amit Yayavar said...
on 

adsense blog pr kaise lagaye kripaya iske baare me jankari de..

Pravin Dubey said...
on 

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