कल मैं मेरे दोस्तों की कलाकारी के बारे में बता रहा था.
मेरे दोस्तों ने ऐडसेंस की जावा-स्क्रिप्ट में थोड़ी सी छेड़-छाड़ के द्वारा उसे ऐसा बना दिया कि वह हिंदी के चिट्ठों के हिंदी के शब्दों को नहीं पकड़ पाता था और वह पहले की तरह ( Google के द्वारा सार्वजनिक सेवा के विज्ञापन ) नहीं दिखाता था, बल्कि वास्तव के विज्ञापन दिखाने लगा था.
बाद में हमने देखा कि हिंदी के कई बड़े और नामी चिट्ठाकार भी ऐसा अनैतिक कार्य कर रहे थे !!
यह गूगल के नियमों के विरुद्ध और धोखाधड़ी वाली बात थी.
ऐडसेंस के वास्तव के विज्ञापन देख हम सभी की ख़ुशी का कोई ठिकाना नहीं था.
हमारे सपने फिर हरे-भरे हो गए जो कि ऐडसेंस के डॉलर्स के अभाव में मुरझाने लगे थे.
पर हम थोड़े से दुखी थे कि यह अनैतिक है और हमने सारे विज्ञापन हटा दिए......
और अपना ऐडसेंस का अकाउंट डिलीट कर दिया. ......
उस समय मेरे अकाउंट में तीन सौ तिहत्तर डॉलर्स थे !!
हम भी मनुष्य ही हैं.... लालच हममें भी है....बड़ा ही कठिन था यह निर्णय लेना पर अंत में संस्कारों की जीत हुई.
मेरे स्कूल के संस्कार....सरस्वती शिशु मंदिर के संस्कार....
हम जब भी धन कमाते हैं तो यह देखना चाहिए कि वह सही ढंग से आ रहा है या गलत धन है.
शुभ-लाभ देने वाली लक्ष्मी की ही पूजा होती है अथाह गलत संपत्ति वाले कुबेर की नहीं.
Friday, April 16, 2010
क्या ऐडसेंस स्क्रिप्ट में छेड़-छाड़ संभव है !!
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बढ़िया किया आपने | हिंदी चिट्ठों पर विज्ञापन नहीं आने से हमें निराश नहीं होना चाहिए , देर सवेर ये गूगल के विज्ञापन जरुर दिखेंगे | अभी भी हिंदी की कई पोस्टों पर विज्ञापन नजर आते है | जो शायद ये संकेत है कि गूगल एडसेंस हिंदी शब्दों के साथ भी विज्ञापन जरुर दिखायेगा |
रतन जी, हिंदी की कई वेबसाइटों पर तो गूगल के सारे विज्ञापन अब हिंदी में दिखने भी लगे हैं, कुछ ही माह में यह हिंदी ब्लॉग-जगत के लिए भी सुलभ हो जाएगा.
बस ज़रा सा ब्लॉग-जगत को समृद्ध तो हो जाने दीजिए.
एक और बात है कि नेट लगवाने वालों की क्रय शक्ति भी तो बढे, तभी तो विज्ञापन दिखेंगे. यदि ग्राहक ही नहीं होंगे तो दुकानें क्यों खुलेंगी !
मैं आपकी बात से सहमत हूँ..लेकिन हिन्दी
ब्लागिंग..अब क्या कहा जाय जिनको इस पर
लिखना चाहिये ऐसे बहुत कम लोग मुझे (२
महीने में दिखायी दिये ) अगर डायरी नुमा
कविताएं या मनमाने संस्मरणों से कोई ऐसी
उम्मीद करता है तो ये मेरी नजर में अचम्भे
से कम नहीं है..जबकि मुझे अधिक संख्या ऐसे
ही लोगों की नजर आयी..आपका संदेश पङते
ही मैंने वर्ड वेरीफ़िकेशन हटा दिया.दरसल
हिन्दी भाषा होने के कारण मैं शब्द पुष्टिकरण का
अर्थ नहीं समझ सका..या ध्यान नहीं दिया फ़िर
भी ब्लाग उद्देश्य की सार्थकता में यह निश्चय ही
एक बङी बाधा थी जिसकी तरफ़ ध्यान दिलाने
और हल सुझाने के लिये मैं दिल से आपका आभारी
हूँ ..शुभकामनाओं के साथ
"शुभ-लाभ देने वाली लक्ष्मी की ही पूजा होती है अथाह गलत संपत्ति वाले कुबेर की नहीं."
यह सही कहा आपने !
हम भी प्रतीक्षा में हैं !
शुभास्ते सन्तु पन्थान:
राजीव, लालच तो कहाँ नहीं है? बस हीरो वही है जो क्षणिक लाभके लिए अपने संस्कार मिट्टी में न मिलने देने का यत्न करे,और अगर गिर भी पड़े तो हिम्मत न हारे, दुबारा खड़े होने और गर्व से आगे चलने का हौसला रखे।
शुभ हो!
traffic feed post ke beech main aa reha hai...
bharat ek gureo ka desh hai
मैंने अपने हिंदी ब्लॉग पर एडसेंस खाता बनाया था. विज्ञापन आए भी थे, किन्तु बाद में गूगल द्वारा हटा दिए गए की टर्म और कंडीशंस भंग किये गए थे.कौन से टर्म-कंडीशंस भंग हुए थे, मैं समझ नहीं सका. वैसे मैं ब्लॉग पर बिलकुल नया हूँ .इस बारे में कुछ जानकारी दे.
KASH AISA HOTA.....
Bahut badhiya kadam. Imandari hi hamare mrityu ke pashchat bhi rahti hai.